विद्यालय में शिक्षणेत्तर गतिविधियाँ -
खेलकूद : इस वर्ष सरकार ने खेल को अनिवार्य विषय बना दिया है | जिसके शिक्षण की पूर्ण व्यवस्था की गई है | प्रयोगात्मक खेलो मे सीमा चौधरी एवं नीरज शर्मा, क्रीड़ाध्यक्ष के रूप में उत्तम कार्य कर रहे हैं | विभिन्न खेलों में मंडलीय स्तर तक तथा कुश्ती में हमारी छात्राओं ने प्रदेश स्तर तक पहुंच कर विद्यालय का नाम बढ़ाया है | विद्यालय में भी नियमित्त रुप से क्रिकेट तथा अन्य खेलों की व्यवस्था है | वार्षिक खेलों का आयोजन कर योग्य छात्राओं को पुरस्कृत कर उनका मनोबल बढ़ाने का पूरा प्रयत्न किया जाता है |
SCOUT & Guide
भारत स्काउट/गाइड विद्यालय में गाइडिंग की अध्यापिका श्रीमती इरा मंजुला गाइड एवं श्रीमती मधू बाला गाइड द्वारा 02 दल इन्द्रा दल में 32 छात्रा एवं बंजरंग दल में 32 छात्रायें कार्यरत है | इन दलो ने पिछले अनेक वर्षों से विद्यालय का नाम प्रदेश स्तर तक चमकाया है | अब तक 100 से अधिक छात्राओं को राज्य पुरस्कार वं लगभग 50बच्चे राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त कर चुके है । जिसका परिणाम निश्चय ही गत वर्षो के भाँति सुखद ही होगा | इस विधा में भी प्राप्त सर्टिफिकेट बच्चों के जीवन में अत्यंत उपयोगी साबित होते हैं |वास्तव मेंगाइडिंग में प्राप्त सफलता का पूर्ण श्रेय प्रधानाचार्या जी की प्रेरणा को ही है |जिन्होंने कभी साधनों की कमी महसूस नहीं होने दी तथा विद्यालय के कई अध्यापकों को प्रशिक्षण भी दिलवाया।
Cultural Programs :: सांस्कृतिक कार्यक्रम विद्यालय मेंप्रत्येकराष्ट्रीय पर्वपरविद्यालयमें ध्वजारोहणमाननीय महापौर ,वंनगरआयुक्तमहोदय, द्वाराकियाजाताहै।कोई छात्र उच्च कोटि के परीक्षा परिणाम लाने पर भी भाव की अभिव्यक्ति करपाने में अक्षम होने पर व्यर्थ ही है | जिस विद्यालय में उत्सव नहीं होते औरउत्सवों में उच्चकोटि के सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होते वह विद्यालय अधूरा ही माना जाता है | जिन विद्यालयों के सांस्कृतिक कार्यक्रम जितने उच्चकोटि के होंगे वे विद्यालय उतनी ही अधिक प्रशंसा पाएंगे | हमारे विद्यालय में भी समय समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं जिनमें बच्चे अपनी भावों की अभिवयक्ति गायन अथवा भाषण अथवा नाटकों द्वारा करते हैं | इस वर्ष हमारे छात्रों ने बाहर के विद्यालयों में हुई गोष्ठियों मैं भी समय समय पर भाग लेकर विद्यालय का प्रतिनिधित्व किया |प्रातः काल प्रार्थना,राष्ट्रगान आदि सभी इसी विद्या से जुड़ें हैं |
भारत के अमर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक़ उल्ला,भगतसिंह आदि युवक जेलों में व अदालतों में अंग्रेजों के विरुद्ध गीत गा.गाकर विरोध प्रकट करते थे | हमारे ,क प्रिय शिष्य ज्ञानेंद्र ने तो इसे व्यवसाय बना लिया है और देश भर में उसकी कैसेट ,लबम सुनी जाती है।